तुम तो काबिल ही न थे,
गलत पद्धति, गलत चुनाव,
राजनीति में अपराधियों की आपाधापी ने,
तुम्हें ऊपर उठा दिया,
और तुम जिसे मौक़ा ही नही मिला था
अब तक चोरी करने का
भरने लगे खजाना दोनों हाथ
और साथी भी साथ-साथ
देहातों में एक कहावत है...
वक्त अच्छा हो तो कुत्ता भी तंदूरी चिकन खाता है..