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रविवार, 27 जून 2010

हम बदल गये हैं

लोगो से सुना है कि, हम बदल गये हैं|
मेरे बात बदल गये हैं|
अपने ज्जबात बदल गये हैं|

कुछ कहते हैं मेरे आवाज़ बदल गये हैं|
तो कुछ, अपने जीने के अंदाज़ बदल गये हैं|

हॉ सकता है सच भी हो,
हमें भी मालूम पड़ा है दोस्त|
अब आलम पहले सा नहीं है|
फिर भी तय नहीं कर पाया हूँ अबतक,
सब बदल गये हैं की हम बदल गये हैं|


शनिवार, 26 जून 2010

जा आगे को बढ़ता जा

जा आगे को बढ़ता जा, जा आगे को बढ़ता जा|

आगे को बढ़ता जा प्यारे पीछे मूड़ना कभी नही|
पीछे मुड़ना कायरता है, रुकना झुकना कभी नहीं||

शोक मनाते कायर जीते, जश्न मानते चलते वीर|
नतमश्तक हो कायर जीते, सर उँचा कर जीते वीर||

गर्व करो अपने उपर की बना मिला है रास्ता|
भला कहो उनलोगों को जिन्होंने बनाया रास्ता||

मंज़िल अब कोई दूर नहीं है|
जा पर्वत पर चढ़ता जा|
जा आगे को बढ़ता जा, जा आगे को बढ़ता जा|