धोखेबाजों की कमी नही है इस जहान में,
हो सके तो तुम भी अपना मतलब निकाल लो|
मुझे तेरी हार जीत से क्या मतलब,
किसी तरह तेज भाग कर खुद को निकाल लो|
सभी धोखेबाज आज बन गए हैं रहनुमा..
ईमानदार बनना है तो चिल्ला कर अपना गला फाड़ लो|
भारत माँ कराहती रहती है, अनसुना कर दिल को,
खुद को पुराने जमींदारों, नबाबों, अंग्रेजों, मुगलों सा ढाल लो|
किसी की चीखने की आवाज पर मत जाना,
मानवता नही खुद की सोचो! डरो! अब अपने अपने घरों को भाग लो|
जब मन आये सोने का नाटक करो...
जब खुदपर बन आये तो तुरंत जाग लो|