लोगो से सुना है कि, हम बदल गये हैं|
मेरे बात बदल गये हैं|
अपने ज्जबात बदल गये हैं|
कुछ कहते हैं मेरे आवाज़ बदल गये हैं|
तो कुछ, अपने जीने के अंदाज़ बदल गये हैं|
हॉ सकता है सच भी हो,
हमें भी मालूम पड़ा है दोस्त|
अब आलम पहले सा नहीं है|
फिर भी तय नहीं कर पाया हूँ अबतक,
सब बदल गये हैं की हम बदल गये हैं|