लोगो से सुना है कि, हम बदल गये हैं|
मेरे बात बदल गये हैं|
अपने ज्जबात बदल गये हैं|
कुछ कहते हैं मेरे आवाज़ बदल गये हैं|
तो कुछ, अपने जीने के अंदाज़ बदल गये हैं|
हॉ सकता है सच भी हो,
हमें भी मालूम पड़ा है दोस्त|
अब आलम पहले सा नहीं है|
फिर भी तय नहीं कर पाया हूँ अबतक,
सब बदल गये हैं की हम बदल गये हैं|
......तय नहीं कर पाया हूँ अबतक,
जवाब देंहटाएंसब बदल गये हैं की हम बदल गये हैं|
अच्छी लगी.
शुभ कामनाएं!!
धन्यवाद अरुण जी |
जवाब देंहटाएंमुझे तो परिवर्तन सृष्टी का नियम है ये बात सत्य लगती है बहुत अच्छी कविता लिखि है
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